Detailed Notes on hindi kahani story
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hindi kahani
बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय कहानी
'कफन', पूस की रात, शतरंज के खिलाड़ी, दूध का दाम, ठाकुर का कुआँ, नशा, बड़े भाई साहब, सवा सेर गेहूँ, अलाग्योझा, नमक का दरोगा, पंचपरमेश्वर, ईदगाह, बूढ़ी काकी, ईदगाह आदि। इनमें
जिन्होंने अनेक यथार्थवादी कहानियाँ लिखी । साहित्य समीक्षकों ने इन्हीं कहानियों
सबसे पहले हम अपने पाठकगण से यह कह देना आवश्यक समझते हैं कि ये महाशय जिनकी चिट्ठी हम आज प्रकाशित करते हैं रत्नधाम नामक नगर के सुयोग्य निवासियों में से थे। इनको वहाँ वाले हंसपाल कहकर पुकारा करते थे। ये बिचारे मध्यम श्रेणी के मनुष्य थे। आय से व्यय अधिक केशवप्रसाद सिंह
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी को का नाम भी बड़े समादर से लिया जाता है। यदि आधुनिक कहानी
‘वापसी', 'मछलियाँ', 'गीत का चुम्बन, भीष्म साहनी की 'चीफ की दावत', 'खून का रिश्ता', रघुवीर सहाय की
बड़े-बड़े मकानों, बड़ी-बड़ी दूकानों, लंबी-चौड़ी सड़कों, एक से एक बढ़ के कारख़ानों और रोज़गारियों की बहुतायत ही के सबब से नहीं, बल्कि अंग्रेज़ो की कृपा से सैर तमाशे का घर बने रहने और समुद्र का पड़ोसी होने तथा जहाज़ी तिजारत की बदौलत आला दरजे की तरक़्क़ी माधव प्रसाद मिश्र
मुख्य कहानीकारों की साहित्य सेवा का आंकलन करने के लिए साहित्य के इतिहासकारों ने
खरगोश, तीतर और खरगोश : पंचतंत्र की कहानी
से गद्य की विधा है। जो समय-समय पर अनेक विचारों वादों और साहित्य आन्दोलनों से
मनोविश्लेषणवाद का प्रभाव दृष्टिगत होता है। इनकी कहानियों में मध्यम वर्गीय जीवन
आदि अनेक कहानीकारों की रचनाएं बहुत प्रसिद्ध हुई ।
द्वितीय नगरीय परिवेश । ग्रामीण वातावरण को केन्द्र में रखकर लिखी गई कहानी आंचलिक